मोहम्मद

आज दिल कुछ ऐसा किया कि
फारसी की वो किताब पढ़ लूँ
समझ लूँ कहना क्या चाहते थे तुम
बात कर लूँ पन्नों से
उनकी ही ज़ुबान में

फिर , अपनी भी कमियाँ याद आ गयी!

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