एक ख़्वाब ज़िन्दगी

मैं ख्वाब हूँ, मैं ख्वाब हूँ, मैं ख्वाब हूँ
मेरा हकीक़त से वास्ता है क्या?
तुम मुझे ख्वाब में मिला करो,
मुझे पूर्णता: से करना है क्या?

तुम खोजते फिरते हो मतलब-ए-ज़िन्दगी
ज़िन्दगी मतलब से कोसों दूर है
चाहते हो शौहरत हर मोड़ पर
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर मौत मशहूर है

मैं ख्वाब में जीता हूँ, ख्वाब में मरता हूँ
जो चाहता हूँ, हर वो चीज़ करता हूँ
जो पाने की हसरत तुम रखते हो
उसे मैं पाता हूँ, जब जी चाहे खो जाता हूँ

वो जो शोले दिखते थे दूर से, उसका नाम सूरज रख दिया
जब जी चाहे बुझाता हूँ, जब जी चाहे जलाता हूँ
वो जिसे तुम ढूँढ़ते हो, खोजते हो हर घड़ी
मैं अपनी सल्तनत में ख़ुदा कहलाता हूँ

जब हकीक़त सिर्फ भ्रम है
तो मैं क्यों भ्रम में जिया करूँ?
आँख मूंदे ज़िन्दगी बैठी है
और मैं ख्वाब हूँ, मैं ख्वाब हूँ, मैं ख्वाब हूँ!

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